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दो मित्र और भालू की कहानी | Story Of Two Friends And A Bear In Hindi 

दो मित्र और भालू की कहानी (Story Of Two Friends And A Bear In Hindi) शेयर कर रहे हैं. Do Dost Aur Bhalu Ki Kahani दोस्ती के संबंध में सीख देती है. पढ़िए Bear And Two Friends Story In Hindi : 

कहानी शुरू करते है..

एक गाँव में सोहन और मोहन दो दोस्त रहते थे. एक बार वे दोनों नौकरी की तलाश में परदेश की यात्रा पर निकले. वे दिन भर चलते रहे. शाम हो गई और फिर रात घिर आई. किंतु, उनकी यात्रा समाप्त न हुई. दोनों एक जंगल से गुजर रहे थे. जंगल में अक्सर जंगली जानवरों का भय रहता है. सोहन को भय था कि कहीं किसी जंगली जानवर से उनका सामना न हो जाए.

वह मोहन से बोला, “मित्र! इस जंगल में अवश्य जंगली जानवर होंगे. यदि किसी जानवर ने हम पर हमला कर दिया, तो हम क्या करेंगे?”

सोहन बोला, “मित्र डरो नहीं. मैं तुम्हारे साथ हूँ. कोई भी ख़तरा आ जाये, मैं तुम्हारा साथ नहीं छोडूंगा. हम दोनों साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना कर लेंगे.”

इसी तरह बातें करते हुए वे आगे बढ़ते जा रहे थे कि अचानक एक भालू उनके सामने आ गया. दोनों दोस्त डर गए. भालू उनकी ओर बढ़ने लगा. सोहन दर के मारे तुरंत एक पेड़ पर चढ़ गया. उसे सोचा कि मोहन भी पेड़ पर चढ़ जायेगा. लेकिन मोहन को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था. वह असहाय सा नीचे ही खड़ा रहा.

भालू उसके नज़दीक आने लगा. मोहन डर के मारे पसीने-पसीने होने लगा. लेकिन डरते हुए भी वह किसी तरह भालू से बचने का उपाय सोचने लगा. सोचते-सोचते एक उपाय उसके दिमाग में आ गया. वह जमीन पर गिर पड़ा और अपनी सांस रोककर एक मृत व्यक्ति की तरह लेटा रहा.

भालू नज़दीक आया. मोहन के चारों ओर घूमकर वह उसे सूंघने लगा. पेड़ पर चढ़ा सोहन यह सब देख रहा था. उसने देखा कि भालू मोहन के कान में कुछ फुसफुसा रहा है. कान में फुसफुसाने के बाद भालू चला गया. भालू के जाते ही सोहन पेड़ से उतर गया. मोहन भी तब तक उठ खड़ा हुआ. सोहन ने मोहन से पूछा, “मित्र! जब तुम जमीन पर पड़े थे, तो मैंने देखा कि भालू तुम्हरे कान में कुछ फुसफुसा रहा है. क्या वो कुछ कह रहा था?”

“हाँ, भालू ने मुझसे कहा कि कभी भी ऐसे दोस्त पर विश्वास मत करना, तो तुम्हें विपत्ति में अकेला छोड़कर भाग जाये.”

Moral Of The Story/ कहानी की सीख

जो दोस्त संकट में छोड़कर भाग जाये, वह भरोसे के काबिल नहीं.